Bihar Land Survey 2024: बिहार में जमीन सर्वे के लिए एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने लोगों को सर्वे के महत्व और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों ने यह भी समझाया कि बिना दाखिल-खारिज के जमीन का सर्वे कैसे किया जा सकता है। इस अभियान के तहत अधिकारियों ने लोगों का काम आसान बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा की। अब सभी को अपनी भूमि संबंधी प्रक्रियाओं को समझना और सरलता से पूरा करना संभव हो सकेगा!
बिहार में भूमि सर्वे को लेकर अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आम लोगों के बीच एक सक्रिय जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अनिल कुमार मंडल, प्रखंड प्रमुख जियाउल हक, उपप्रमुख ललन कुमार सिन्हा सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए। प्रखंड प्रमुख के कार्यकाल के दौरान एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों के साथ आम लोगों को जमीन सर्वे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गई। इस पहल ने लोगों को जागरूक करने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में मदद की है!
बैठक में बंदोबस्त पदाधिकारी का महत्वपूर्ण संदेश!
बैठक को संबोधित करते हुए बंदोबस्त पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा जमीन सर्वे का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस सर्वे में जनप्रतिनिधियों, जमींदारों और रैयतों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सभी से अपील की कि यदि सहयोग नहीं किया गया, तो जमीन का सर्वे पूर्ण नहीं हो पाएगा। यह कार्य सभी के सहयोग से ही सफल होगा!
इसलिए आप सभी से आग्रह है कि समय पर अपने-अपने राजस्व मौजा के सर्वे अमीन को अपनी जमीन के कागजात भरकर जमा कर दें। इससे सर्वे अमीन समय पर आपके जमीन का अध्ययन करेंगे और आपके प्लॉट पर पहुंचकर सर्वे कार्य को पूरा करेंगे। आपके सक्रिय सहयोग से यह प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न होगी!
उन्होंने बताया कि यदि रैयत के पास जमीन का कागजात है और किसी प्रकार का विवाद नहीं है, तो उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर रैयत ने जमीन खरीदी है और उस पर दखल है, तो उनकी स्थिति सुरक्षित रहेगी। यह आश्वासन रैयतों के लिए राहत की बात है!
यदि जमीन की दाखिल-खारिज नहीं है, तो क्या करें
यदि किसी कारणवश आप जमीन की दाखिल-खारिज नहीं करा पाए हैं, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आप खरीद के कागजात के साथ फॉर्म भरकर सर्वे अमीन को जमा कर दें। इस प्रक्रिया से आपका काम आसानी से आगे बढ़ेगा!
लालकार्ड वाली जमीन का क्या होगा?
यदि भूदान में दी गई जमीन या लालकार्ड की जमीन बेच दी गई है, तो उसका सर्वे नए खरीदार के नाम से नहीं किया जाएगा। इसका कारण यह है कि सरकार ने इन जमीनों को बिक्री के लिए नहीं दिया था। इन जमीनों का उद्देश्य लोगों को खेती-बाड़ी कर जीवनयापन के लिए सहायता प्रदान करना था, इसलिए ये भूदान और लालकार्ड के रूप में दी गई थीं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, इन जमीनों के संबंध में सावधानी बरतनी आवश्यक है।
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सिकमी रैयत वाले लोग क्या करें?
उन्होंने बताया कि यदि सिकमी रैयत ने न्यायालय से डिग्री प्राप्त कर ली है और वह दखलकार के रूप में आ रहा है, तो उसे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। इसके लिए आवश्यक है कि रैयत न्यायालय का कागजात सर्वे अमीन को प्रस्तुत करे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि रैयत की स्थिति सुरक्षित रहे और सर्वे कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके!
जमीन खरीदने वाले रैयतों के लिए राहत की खबर!
उन्होंने बताया कि यदि आपने जमीन जमींदार से खरीदकर उसका म्यूटेशन कराकर पंजी टू में अपना नाम दर्ज कराया है और सालाना सरकार को लगान भी दे रहे हैं, लेकिन खतियान में अभी भी पुराने जमींदार का नाम दर्ज है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आपका नाम पंजी टू में है और आप समय-समय पर लगान चुका रहे हैं, इसलिए सर्वे आपके कागजात के अनुसार किया जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी स्थिति सुरक्षित रहे!
बंटवारे और वंशावली के कागजात खुद तैयार करें!
सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मंडल ने बताया कि रैयतों को बंटवारे का कागजात और वंशावली खुद से तैयार करना चाहिए। सभी कागजात के साथ समय पर सर्वे अमीन को अपने दस्तावेज उपलब्ध कराएं। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि अंचल कार्यालय में सर्वे से संबंधित जानकारी के लिए एक पूछताछ काउंटर खोला गया है, जहां क्षेत्र के लोगों को सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। यह कदम आपकी सहायता के लिए है, इसलिए इसका पूरा लाभ उठाएं!
प्रखंड प्रमुख की सुझाव पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी की प्रतिक्रिया!
मौके पर प्रखंड प्रमुख जियाउल हक ने सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से कहा कि डिमिया छतरजान पंचायत भवन परिसर में प्रखंड स्तरीय सर्वे कार्यालय खोला गया है, लेकिन क्षेत्र के लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रखंड मुख्यालय परिसर में सर्वे कार्यालय होना चाहिए, ताकि सभी लोग आसानी से पहुंच सकें। इस पर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी ने कहा कि इस पहल पर विचार किया जा रहा है। इस बैठक में दर्जनों जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौजूद थे, जिन्होंने इस सुझाव का समर्थन किया।
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