बिहार राजस्व महाअभियान 2025 क्या है? समझिए आसान भाषा मे ।

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर, 2025 तक चलाए जा रहे ‘राजस्व महाअभियान 2025’ को राज्य के भूमि प्रबंधन में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है । यह पहल न केवल भूमि संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए है, बल्कि इसका उद्देश्य आम नागरिकों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने और बिचौलियों पर निर्भरता से मुक्ति दिलाना है।

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बिहार राजस्व महाअभियान 2025

अभियान का मूल उद्देश्य और रणनीतिक महत्व

इस महाअभियान का मुख्य उद्देश्य बिहार में भूमि से जुड़े अभिलेखों में मौजूद त्रुटियों को दूर कर उन्हें अद्यतन करना है । बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, जहाँ 70% से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है । भूमि एक अत्यंत महत्वपूर्ण संसाधन है, और इसी कारणवश भूमि विवादों की संख्या भी अधिक है । इन विवादों का राज्य के विकास और प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है । इस अभियान को एक “वन-स्टॉप सॉल्यूशन” के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जहाँ लोगों की जमीन संबंधी समस्याओं का एक ही जगह समाधान हो सके

यह अभियान भूमि विवादों को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा और रणनीतिक कदम है। राज्य सरकार ने पहले से ही ‘भू-समाधान पोर्टल’ और ‘बिहार भूमि न्यायाधिकरण’ जैसे दीर्घकालिक तंत्र स्थापित किए हैं, जिनका उद्देश्य भूमि विवादों का स्थायी समाधान प्रदान करना है । हालांकि, जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में ऐसे मामले मौजूद हैं, जहाँ कागजी त्रुटियों या वंशावली संबंधी मुद्दों के कारण समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यह महाअभियान इन आम और उच्च-मात्रा वाली समस्याओं को तेजी से हल करने के लिए एक विशेष हस्तक्षेप है, ताकि वे दीर्घकालिक सर्वेक्षण और न्यायिक प्रक्रियाओं में बाधा न डालें । यह सरकार की एक दो-आयामी रणनीति को दर्शाता है: एक ओर तत्काल और व्यापक समस्याओं का समाधान करना, और दूसरी ओर, भविष्य के लिए एक मजबूत, पारदर्शी और डिजिटल कानूनी ढांचा तैयार करना।

अभियान की समय-सीमा और चरण

राजस्व महाअभियान को तीन मुख्य चरणों में विभाजित किया गया है, जिससे इसकी तैयारी और कार्यान्वयन में समयबद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके:

  • प्रथम चरण (तैयारी का चरण): 18 जुलाई, 2025 से 14 अगस्त, 2025 तक । इस अवधि के दौरान, विभाग ने अभियान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए, सभी जिलों के लिए अंचलवार माइक्रो-प्लान बनाए, और कर्मियों (राजस्व कर्मचारी, अमीन) के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए ।
  • द्वितीय चरण (वास्तविक क्रियान्वयन): 16 अगस्त, 2025 से 20 सितंबर, 2025 तक । यह अभियान का मुख्य चरण है, जिसमें राजस्व विभाग की टीमें घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन प्रपत्र वितरित करती हैं, और पंचायत स्तर पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाता है ।
  • तृतीय चरण (अनुवर्ती गतिविधियाँ): 21 सितंबर, 2025 से 30 अक्टूबर, 2025 तक । इस चरण में, शिविरों में प्राप्त सभी आवेदनों की गहन जाँच और उनका निपटान किया जाएगा। इस दौरान राजस्व अधिकारी और कर्मचारी आवेदनों को पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करने का कार्य करेंगे ।

अभियान की प्रमुख सेवाएं: कौन-सी समस्याएं हल होंगी?

यह अभियान चार प्रमुख प्रकार की भूमि-संबंधी समस्याओं के समाधान पर केंद्रित है, जो नागरिकों के लिए सबसे आम चुनौतियाँ हैं।

  • 1. डिजिटाइज्ड (ऑनलाइन) जमाबंदी में त्रुटि सुधार (परिमार्जन): यह सेवा उन लोगों के लिए है जिनकी ऑनलाइन जमाबंदी में नाम, पिता का नाम, खाता संख्या, खसरा संख्या, रकबा (क्षेत्रफल) या लगान से संबंधित विवरण में कोई त्रुटि है । इन अशुद्धियों को सुधारने के लिए, नागरिक को राजस्व विभाग के कर्मी द्वारा दी गई जमाबंदी पंजी की प्रति में ही सही विवरण भरना होगा और सहायक साक्ष्यों के साथ शिविर में जमा करना होगा । इन आवेदनों को ‘परिमार्जन प्लस पोर्टल’ पर संसाधित किया जाएगा ।
  • 2. उत्तराधिकार नामांतरण (Inheritance Mutation): इस सेवा का लाभ उन लोगों को मिलेगा जिनकी जमीन अभी भी उनके पूर्वजों (दादा-परदादा) के नाम पर है । यह रैयत को अपनी पुश्तैनी जमीन का कानूनी मालिक बनने का एक सुनहरा मौका है । इसके लिए, आवेदक को उत्तराधिकार नामांतरण प्रपत्र में विवरण भरकर, अपने पूर्वज का मृत्यु प्रमाण पत्र और वंशावली के साथ आवेदन करना होगा ।
  • 3. बंटवारा नामांतरण (Partition Mutation): यदि कोई संयुक्त जमाबंदी है और हिस्सेदार आपस में आपसी सहमति, पंजीकृत दस्तावेज या न्यायालय के आदेश के आधार पर बंटवारा करना चाहते हैं, तो यह सेवा उनके लिए है । इसके लिए, बंटवारे के अभिलेख, पूर्वज का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि लागू हो) और सभी हिस्सेदारों के नाम व मोबाइल नंबर के साथ आवेदन जमा करना होगा ।
  • 4. छूटी हुई जमाबंदियों का ऑनलाइन डिजिटलीकरण: यह एक महत्वपूर्ण सेवा है जो उन ऑफलाइन जमाबंदियों को ऑनलाइन करने का अवसर प्रदान करती है, जो अभी तक डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं । ऐसा करने से नागरिक ऑनलाइन लगान (रसीद) काट पाएंगे और अन्य डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा पाएंगे ।

आवेदन प्रक्रिया: एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका

नागरिकों को इस अभियान का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करना होगा:

चरण 1: घर-घर प्रपत्र वितरण

16 अगस्त से 15 सितंबर, 2025 तक, राजस्व विभाग द्वारा गठित टीमें आपके घर पर जाएँगी और आपको आपकी ऑनलाइन जमाबंदी की एक प्रति और आवश्यक आवेदन प्रपत्र निःशुल्क प्रदान करेंगी । आपके मौजा में टीम के आने की सटीक तिथि की जानकारी आपके अंचल के माइक्रो प्लान से प्राप्त की जा सकती है

चरण 2: शिविर में आवेदन जमा करना

19 अगस्त से 20 सितंबर, 2025 तक, प्रत्येक हल्का या पंचायत में विशेष शिविर लगाए जाएँगे । इन शिविरों का आयोजन आमतौर पर पंचायत सरकार भवन या किसी अन्य सरकारी भवन में किया जाएगा । आप यहाँ अपने भरे हुए आवेदन प्रपत्रों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ सीधे जमा कर सकते हैं

आवश्यक दस्तावेजों की विस्तृत सूची

आवेदन की प्रकृति के अनुसार, निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होंगे:

  • परिमार्जन (त्रुटि सुधार) के लिए: भरा हुआ प्रपत्र, ऑनलाइन जमाबंदी पंजी की प्रति, और सहायक साक्ष्य जैसे लगान रसीद, रजिस्ट्री डीड, या शुद्धि पत्र ।
  • उत्तराधिकार नामांतरण के लिए: आवेदन प्रपत्र, पूर्वज का मृत्यु प्रमाण पत्र, और वंशावली का शपथ पत्र ।
  • बंटवारा नामांतरण के लिए: आवेदन प्रपत्र, बंटवारा अभिलेख (जैसे रजिस्टर्ड डीड), पूर्वज का मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), वंशावली, और सभी हिस्सेदारों के नाम व मोबाइल नंबर ।
  • छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करने के लिए: आवेदन प्रपत्र और संबंधित साक्ष्य ।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वंशावली और शपथ पत्र कानूनी रूप से आवेदन की सत्यता को स्थापित करने के लिए आवश्यक हैं, और यह प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है

शिविर (कैंप) का विवरण और स्थान कैसे जानें?

नागरिकों को यह जानने के लिए कि उनके क्षेत्र में शिविर कब और कहाँ लगेंगे, कई विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं, जो पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं

  • ऑनलाइन तरीका: राजस्व महाअभियान के लिए एक समर्पित पोर्टल biharbhumiplus.bihar.gov.in/mah/ बनाया गया है । इस पोर्टल पर आप अपने जिले, अंचल, और हल्का का चयन करके “मौजा का शिविर की स्थिति देखें” लिंक के माध्यम से अपने गांव/मौजा के लिए निर्धारित शिविर की तिथि और स्थान का विवरण देख सकते हैं । यह माइक्रो प्लान आपको आपके क्षेत्र में टीम के आने और शिविर के आयोजन की तिथि की सटीक जानकारी देगा ।
  • ऑफलाइन तरीका: यदि आप ऑनलाइन जानकारी प्राप्त करने में असमर्थ हैं, तो आप अपने हल्का के राजस्व कर्मचारी या अपने पंचायत के मुखिया, सरपंच, पंचायत सचिव, पंच या वार्ड सदस्य से संपर्क कर सकते हैं । सूक्ष्म-स्तरीय जानकारी जैसे कि तैनात कर्मचारी का नाम और नंबर भी माइक्रो प्लान में उपलब्ध है, जो बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करता है और नागरिकों को सीधे सही व्यक्ति से संपर्क करने में सक्षम बनाता है ।

आवेदन की स्थिति (स्टेटस) कैसे ट्रैक करें?

शिविर में आवेदन जमा करने के बाद, आवेदक को एक ओटीपी प्राप्त होगा जिसके माध्यम से उनका नाम और मोबाइल नंबर पोर्टल पर पंजीकृत हो जाएगा । इसके बाद, उनके आवेदन को ऑनलाइन अपलोड कर दिया जाएगा, और उन्हें अपने मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से उनके आवेदन की स्थिति के बारे में अपडेट मिलते रहेंगे

यह अभियान मौजूदा डिजिटल बुनियादी ढांचे का लाभ उठा रहा है। परिमार्जन से संबंधित आवेदन Parimarjan Plus पोर्टल (parimarjanplus.bihar.gov.in) पर संसाधित होते हैं । यहाँ, नागरिक जिला, अंचल और आवेदन संख्या दर्ज करके अपने आवेदन की स्थिति की जाँच कर सकते हैं । इसी तरह, नामांतरण और बंटवारे से संबंधित आवेदन

e-Mutation Portal या Revenue Court Management System (RCMS) पर प्रोसेस होते हैं । हालाँकि, महाअभियान के लिए कोई विशिष्ट स्टेटस लिंक उपलब्ध नहीं है, लेकिन आरसीएमएस पोर्टल पर केस नंबर से स्थिति की जाँच की जा सकती है । यह अभियान एक हाइब्रिड मॉडल का प्रतिनिधित्व करता है जो भौतिक पहुंच और डिजिटल प्रक्रियाओं को एकीकृत करता है, जिससे अधिक से अधिक नागरिक डिजिटल दुनिया से जुड़ सकें।

ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें और संभावित चुनौतियाँ

इस महत्वाकांक्षी अभियान के बावजूद, कुछ संभावित चुनौतियाँ भी हैं जिनसे नागरिकों को अवगत रहना चाहिए।

  • आवेदनों की अस्वीकृति के कारण: कई आवेदनों को अधूरा या गलत जानकारी होने के कारण निष्पादित नहीं किया जा सका है । जानकारी के अभाव में कई रैयत त्रुटिपूर्ण आवेदन करते हैं, जिसके कारण उनके मामले का निपटान नहीं हो पाता । इसके अलावा, आवश्यक साक्ष्यों (जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र या वंशावली) के बिना जमा किए गए आवेदनों को खारिज किया जा सकता है । यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आवेदन पत्र पूरी तरह से भरा गया हो और सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न हों।
  • कर्मचारियों की हड़ताल का प्रभाव: कुछ स्रोतों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संविदा अमीन और कानूनगो कर्मी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे अभियान की गति धीमी हो सकती है । ये कर्मचारी स्थायीकरण और सुरक्षा बीमा की मांग कर रहे हैं । यह स्थिति एक महत्वपूर्ण विरोधाभास को उजागर करती है: जहाँ सरकार ने एक मजबूत और समय-बद्ध योजना बनाई है, वहीं उसकी सफलता एक असुरक्षित संविदा पर काम कर रहे कार्यबल पर निर्भर करती है। यह दिखाता है कि बड़े पैमाने की सरकारी परियोजनाओं में, योजना और जमीनी कार्यान्वयन के बीच अक्सर एक खाई होती है। नागरिकों को इस स्थिति से अवगत रहना चाहिए और धैर्य रखते हुए किसी भी अपडेट के लिए केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइटों और हेल्पलाइन नंबर पर ही भरोसा करना चाहिए। किसी भी शिकायत या जानकारी के लिए, नागरिक राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के टोल-फ्री नंबर 18003456215 पर सोमवार से शनिवार, सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं ।

निष्कर्ष और अंतिम सुझाव

‘बिहार राजस्व महाअभियान 2025’ बिहार सरकार द्वारा भूमि अभिलेखों को अद्यतन करने और भूमि विवादों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी कदम है। यह अभियान न केवल लोगों की तात्कालिक समस्याओं को हल करने का प्रयास करता है, बल्कि यह एक ऐसी नींव भी रखता है जो भविष्य में भूमि प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाएगी।

इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना नागरिकों के हित में है। यदि आपके भूमि अभिलेखों में कोई त्रुटि है, या यदि आप अपनी पुश्तैनी जमीन को अपने नाम कराना चाहते हैं, तो यह सही समय है। सभी आवश्यक दस्तावेजों को एकत्रित करें, अपने हल्का में लगने वाले शिविर की जानकारी प्राप्त करें, और अपनी समस्याओं का समाधान कराएं। यह एक सरल और प्रभावी प्रक्रिया है जो न केवल आपके मौजूदा भूमि विवादों को समाप्त कर सकती है, बल्कि आपके परिवार के लिए भविष्य के विवादों को भी रोक सकती है। पारदर्शिता और सुविधा सीधे आपके द्वार पर लाने का यह प्रयास बिहार के भूमि सुधार के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय साबित हो सकता है।

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