Bihar Bhumi Survey: बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्डों को डिजिटल रूप से संरक्षित करने और भूमि विवादों को कम करने के उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा बिहार में भूमि सर्वेक्षण की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, भूमि मालिक अब अपनी ज़मीन का सर्वेक्षण करवा सकते हैं और अपने भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन देख सकते हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध है।
Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से ज़मीन के सर्वे का काम जारी है। जानकारी के अनुसार, 1980 से पहले के ज़मीन के खतियान और बंटवारे के दस्तावेज़ कैथी लिपि में लिखे गए हैं। नवनियुक्त अमीन और कानूनगो को इन दस्तावेज़ों को पढ़ने में कठिनाई हो रही है। इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि कर्मचारियों को कैथी लिपि पढ़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
कैथी लिपि क्या है, लोग क्यों हुए परेशान ?
Bihar Land Survey: बिहार में 20 अगस्त से Bihar Land Survey का काम जारी है। जानकारी के अनुसार, 1980 से पहले के ज़मीन के खतियान और बंटवारे के दस्तावेज़ कैथी लिपि में लिखे गए हैं। नवनियुक्त अमीन और कानूनगो को इन दस्तावेज़ों को पढ़ने में दिक्कत हो रही है, क्योंकि उन्हें इस लिपि की जानकारी नहीं है। इससे रैयतों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि कर्मचारियों को कैथी लिपि पढ़ने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
जिन लोगों के पास ज़मीन के पुराने दस्तावेज़ हैं, वे सभी कैथी लिपि में लिखे गए हैं, और अधिकांश लोग इस लिपि को पढ़ना नहीं जानते। इस वजह से ज़मीन सर्वे के काम में बाधा आ रही है। रैयत लोग कैथी लिपि को ट्रांसलेट कराने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं, और ट्रांसलेटर भी इसके लिए हजारों रुपए की मांग कर रहे हैं।
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5 हजार देकर कैथी लिपि को ट्रांसलेट करा रहे लोग
बता दें कि पटना में ट्रांसलेटर 5 हजार रुपए से अधिक राशि लेकर कैथी लिपि वाले दस्तावेज़ों का अनुवाद कर रहे हैं। इसके बाद लोग ये अनुवादित दस्तावेज़ अमीन के पास जमा करवा रहे हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह अनुवाद कितना सही है, न तो अमीनों को और न ही रैयतों को इस बारे में जानकारी है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक भू-अभिलेख एवं परिमाप, जय सिंह ने अमीनों और कानूनगो को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।
कर्मियों को बीएचयू के रिसर्च स्कॉलर तीन दिनों का देंगे ट्रेनिंग
इस प्रशिक्षण का काम बेतिया से शुरू किया जा रहा है। 17 से 19 सितंबर तक बीएचयू के रिसर्च स्कॉलर प्रीतम कुमार और मो. वाकर अहमद अमीनों और कानूनगो को ट्रेनिंग देंगे। पश्चिम चंपारण में मिथिला प्रक्षेत्र की कैथी लिपि, मगध प्रक्षेत्र और भोजपुर प्रक्षेत्र की कैथी लिपि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि स्थानीय बोली के हिसाब से कैथी की लिखावट के शब्द भी बदल जाते हैं। जानकारी के अनुसार, कर्मियों को तीन दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बिहार में सिर्फ भागलपुर यूनिवर्सिटी में कैथी लिपि की पढ़ाई
वर्तमान में तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी बिहार राज्य का इकलौता विश्वविद्यालय है, जहां कैथी लिपि की पढ़ाई होती है। यहां कैथी लिपि का छह महीने का सर्टिफिकेट कोर्स कराया जा रहा है, ताकि छात्र पुराने दस्तावेज़ों को पढ़ और लिख सकें। अब ज़मीन सर्वे से जुड़े सरकारी अमीन और कानूनगो भी कैथी लिपि पढ़ेंगे, जिनको राज्य सरकार ट्रेनिंग दे रही है।
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