Bihar Land Survey: खतियान पढ़ने में हो रही है दिक्कत, दस्तावेज विशेषज्ञ ने बताया सबसे आसान तरीका

Bihar Land Survey: दस्तावेज विशेषज्ञ वकार अहमद ने बातचीत में बताया कि खतियान के विभिन्न कॉलमों में क्या जानकारी होती है और इसे कैसे समझा जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि खतियान पढ़ने में सबसे बड़ी मुश्किल कैथी लिपि और लिखावट का मिट जाना है।

उनका कहना है कि यदि लोग इस लिपि को समझने में थोड़ी मेहनत करें, तो वे अपने भूमि संबंधी दस्तावेज़ों को आसानी से पढ़ सकते हैं और अपनी ज़मीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं।

दरभंगा: भूमि सर्वे में तेजी, लेकिन खतियान पढ़ने में मुश्किलें: जिले में भूमि सर्वे का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन खतियानी रैयतों को अपने खतियान को पढ़ने और समझने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खतियान कैथी लिपि में लिखा होता है, और इसके जानकार अब जिले में गिने-चुने रह गए हैं।

इस समस्या को देखते हुए, दस्तावेज विशेषज्ञ वकार अहमद ने बताया कि खतियान के विभिन्न कॉलमों में क्या जानकारी होती है और इसे कैसे समझा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि खतियान पढ़ने में सबसे बड़ी बाधा कैथी लिपि और लिखावट का मिट जाना है।अगर लोग इस लिपि को समझने के लिए थोड़ी मेहनत करें, तो वे अपनी ज़मीन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को आसानी से हासिल कर सकते हैं।

खतियान के कॉलमों की जानकारी: वकार अहमद की व्याख्या

दस्तावेज विशेषज्ञ वकार अहमद ने खतियान में शामिल विभिन्न कॉलमों की जानकारी दी है, जो निम्नलिखित हैं:

  1. मौजा का नाम: खतियान के शीर्ष पर मौजा का नाम लिखा होता है।
  2. परगना का नाम: इसके बाद परगना का नाम आता है।
  3. थाना नंबर: परगना के नाम के बाद थाना नंबर दर्ज होता है।
  4. तऊजी नंबर और पट्टी: इसके बाद तऊजी नंबर और पट्टी का विवरण दिया जाता है।
  5. रैयत का नाम: इसके बाद वह रैयत का नाम लिखा होता है, जिसकी जमीन है।
  6. खाता नंबर: पहले कॉलम में खाता नंबर उल्लेखित होता है।
  7. आशामी का नाम: खाता नंबर के बाद आशामी का नाम लिखा होता है, जिसकी भूमि है।
  8. खेसरा नंबर: आशामी के नाम के बाद खेसरा नंबर आता है।
  9. चौहद्दी: खेसरा नंबर के बाद चौहद्दी का विवरण होता है, जिसमें उत्तर, पश्चिम, पूर्व और दक्षिण की सीमाओं का उल्लेख होता है।
  10. इसमत जमीन: इसमें जमीन का प्रकार बताया जाता है, जैसे खेतिहर, मकान वाली या पड़ती।
  11. रकबा: इसमें जमीन का रकबा होता है, जो बीघा, कट्ठा या धुर में मापा जाता है।
  12. कैफियत/कब्जियत: इसमें यह बताया जाता है कि जमीन किसके कब्जे में है, उसका नाम लिखा होता है।

इन कॉलमों की जानकारी से रैयत अपनी भूमि संबंधी जानकारियों को सही तरीके से समझ सकते हैं।

खतियान पढ़ने के लिए क्या करें: वकार अहमद के सुझाव

दस्तावेज विशेषज्ञ वकार अहमद ने बताया कि खतियान पढ़ने के लिए सबसे पहले आपको कैथी लिपि को समझना होगा। इसके लिए निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

  1. जानकार से संपर्क करें: किसी जानकार व्यक्ति से मदद लें जो कैथी लिपि को अच्छी तरह समझता हो।
  2. ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग: इंटरनेट पर उपलब्ध ट्यूटोरियल्स और गाइड्स का सहारा लें।
  3. खतियान की प्रति पढ़ें: खतियान की एक प्रति लेकर उसे ध्यान से पढ़ें और उसके कॉलमों को समझने की कोशिश करें।
  4. विशेषज्ञ से सलाह लें: यदि आपको कोई समस्या आती है, तो किसी दस्तावेज विशेषज्ञ से संपर्क करें।

इन उपायों से आप खतियान को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं और अपनी भूमि संबंधी जानकारियों को सही ढंग से हासिल कर सकते हैं।

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