Bihar Land Survey: विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस सर्वेक्षण के लिए प्रतिनिधि भेजना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यदि रैयत अपने किसी प्रतिनिधि को भेजते हैं, तो उनकी मौजूदगी से सर्वे कर्मियों को जमीन के भूखंड की पहचान में मदद मिलेगी। यह पहल प्रक्रिया को और अधिक सुचारू बनाने में सहायक साबित होगी!
Bihar Land Survey Update: पटना, बिहार सरकार ने प्रवासी रैयतों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि वर्तमान भूमि सर्वे के दौरान स्थल पर भौतिक सत्यापन या किस्तवार प्रक्रिया के लिए रैयतों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस पर स्थिति स्पष्ट कर दी है, रैयतों को जमीन पर मौजूद रहना आवश्यक नहीं है। यह निर्णय प्रवासी रैयतों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें और भी राहत प्रदान करेगा!
रैयतों के प्रतिनिधि की मौजूदगी से होगी सहूलियत
विभाग के अनुसार, यदि कोई रैयत स्वयं नहीं आ सकता, तो उनके भरोसेमंद और अधिकृत प्रतिनिधि की मौजूदगी से सर्वे कर्मियों को पहचान में सुविधा होगी। हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रतिनिधि भेजना अनिवार्य नहीं है। फिर भी, अगर रैयत अपने किसी प्रतिनिधि को भेजते हैं, तो इससे जमीन के भूखंड की पहचान में सर्वे कर्मियों को और अधिक आसानी होगी। यह व्यवस्था प्रक्रिया को और सुगम बनाने में मददगार साबित होगी!
वंशावली और खतियान पर शिकायतें बढ़ीं
सर्वे कार्य से जुड़ी समस्याओं या शिकायतों के समाधान के लिए विभाग ने एक टोल फ्री नंबर 18003456215 जारी किया है। इस पर सबसे अधिक सवाल वंशावली, खतियान, राजस्व रसीद और अन्य मुद्दों को लेकर आ रहे हैं।
इनकी समस्याओं के समाधान के लिए विभाग ने रैयतों के लिए कुछ सामान्य निर्देश जारी किए हैं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि क्या आवश्यक है और क्या नहीं। विभाग का उद्देश्य लोगों के बीच इन मुद्दों को लेकर पैदा हुए संशय को दूर करना है, ताकि सर्वे प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी बनाया जा सके!
यह भी पढे: Bihar Jamin Survey: भूमि सर्वे के बीच गैरमजरुआ जमीन को लेकर सरकार ने लिया बड़ा फैसला
सिर्फ यह करना है आवश्यक:
- स्वघोषणा प्रपत्र-2: रैयत या उसके वंशज को जमीन की जानकारी भरकर अंचल शिविर में जमा करनी होगी या भू-अभिलेख की वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी।
- खतियान: रैयत या जमाबंदी रैयत के वंशज को प्रपत्र-3 (1) में वंशावली तैयार कर शिविर में या ऑनलाइन अपलोड करना है। साथ में राजस्व रसीद की छायाप्रति संलग्न करें।
- दस्तावेज: यदि भूमि क्रय, बदल, या दान की गई है, तो संबंधित दस्तावेज की छायाप्रति दें। अगर किसी जमीन को लेकर कोर्ट का आदेश है, तो उसका आदेश की छायाप्रति भी संलग्न करें।
- बंदोबस्त भूमि: बंदोबस्त भूमि या भूदान प्रमाणपत्र या वासगीत पर्चा की छायाप्रति दें। यदि जमाबंदी रैयत जीवित है, तो सिर्फ स्वघोषणा (प्रपत्र-2) देना होगा; वंशावली की आवश्यकता नहीं है।
यह प्रक्रिया सरल और स्पष्ट है, जिससे रैयतों को अपनी जमीन संबंधी जानकारी को सही ढंग से प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी!
यह आवश्यक नहीं है:
- शपथ की आवश्यकता नहीं: प्रपत्र-3 (1) में वंशावली पर कार्यपालक दंडाधिकारी या नोटरी पब्लिक के समक्ष शपथ लेना अनिवार्य नहीं है।
- हस्ताक्षर की अनिवार्यता: वंशावली पर ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि का हस्ताक्षर भी जरूरी नहीं है।
- राजस्व रसीद: राजस्व रसीद की अपडेट या ऑनलाइन प्रति भी अनिवार्य नहीं है।
यह नियम रैयतों के लिए प्रक्रिया को और सरल बनाने के लिए बनाए गए हैं, ताकि वे बिना किसी अतिरिक्त बाधा के अपनी जानकारी प्रस्तुत कर सकें!
यह भी पढे : Khatiyan Kaise Nikala Jata Hai? बिहार के सभी जिलों का खतियान निकाले मिनटों मे