Bihar Land Survey 2024: पटना बिहार में भूमि सर्वेक्षण में भी जातिगत गणना की तरह कुछ गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। इस प्रक्रिया में कई जिलों से खतियान गायब होने की खबरें आ रही हैं। पहले चरण में जिन 20 जिलों का सर्वेक्षण पूरा होने का दावा किया गया है, उनमें करीब एक हजार गांवों में खतियान का कोई अता-पता नहीं है। फिर भी, सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है! जैसे ही यह मामला सामने आया, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने बंदोबस्त पदाधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और खतियान जमा कर के लिए सख्त निर्देश दिए। अब देखना ये है कि इस खेल का क्या अंजाम होता है!
इन जिलों में पूरा हुआ सर्वेक्षण
बिहार भूमि सर्वेक्षण के काम ने 20 जिलों में अपनी मंजिल पा ली है! इन जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अंतिम रूप से प्रकाशित खतियान की जांच चेक लिस्ट के अनुसार करें और रिपोर्ट तुरंत निदेशालय को भेजें। जिन 20 जिलों में सर्वेक्षण का काम पूरा हुआ है, उनमें शामिल हैं: अररिया, अरवल, बांका, बेगूसराय, जमुई, जहानाबाद, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, लखीसराय, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पूर्णिया, सहरसा, शेखपुरा, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, और पश्चिम चंपारण।
बिना खतियान के ही 20 जिलों में पूरा हुआ सर्वे
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम जोरशोर से चल रहा है। पहले चरण में 20 जिलों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है, लेकिन सवाल ये है कि खतियान आखिर गए कहां? सर्वे के बाद खतियान तैयार तो किए गए, लेकिन उनकी whereabouts की कोई जानकारी नहीं है। न तो बंदोबस्त पदाधिकारियों ने उन्हें अंचल को भेजा है, न ही समाहर्ता के पास जमा कराए गए हैं। यहां तक कि भू अभिलेख निदेशालय को भी इस मामले में कोई खबर नहीं है। यह स्थिति कई सवाल उठाती है—क्या सही में यह सर्वेक्षण सफल है?
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बंदोबस्त पदाधिकारियों को कड़ी फटकार
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को एक पत्र भेजकर जमकर फटकार लगाई है। इस पत्र में भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के दो पूर्व पत्रों का हवाला दिया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त कार्यक्रम के तहत तैयार किए गए खतियान को अंचलाधिकारी और समाहर्ता को भेजने से पहले उसकी जांच अनिवार्य है। अब यह देखना होगा कि इस फटकार का क्या असर पड़ता है!
हर हाल में जरूरी है खतियान की एक प्रति
सरकार ने इन अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे अंतिम रूप से प्रकाशित खतियान की एक प्रति अंचल और समाहरणालय को उपलब्ध कराएं और इसकी रिपोर्ट निदेशालय को भेजें। सचिव जय सिंह ने अपने पत्र में साफ लिखा है कि आज तक किसी भी राजस्व ग्राम का खतियान संबंधित अंचल या समाहरणालय को नहीं भेजा गया है, और यह निदेशालय स्तर पर भी नहीं पहुंचा है, जो बेहद खेदजनक है। अब सरकार इस स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है, यह देखना दिलचस्प होगा!
929 राजस्व गांवों में प्रकाशित हुआ खतियान
सर्वे ट्रैकर के अनुसार, अब तक कुल 929 राजस्व गांवों का खतियान प्रकाशित किया जा चुका है। इन सभी गांवों का खतियान संबंधित अंचल और समाहरणालय को उपलब्ध कराना बेहद आवश्यक है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि खतियान भेजने से पहले संबंधित कार्यालय को चेक लिस्ट के अनुसार इसकी जांच करनी चाहिए। चेक लिस्ट की समीक्षा निदेशालय स्तर पर की जाएगी, ताकि कोई भी त्रुटि न रह जाए। अब देखना है कि यह प्रक्रिया कितनी जल्दी पूरी होती है!
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