Bihar Land Survey 2024: बिहार में चल रहे जमीन सर्वे पर रोक लगाने के लिए दायर जनहित याचिका को याचिकाकर्ता अधिवक्ता राजीव रंजन सिंह ने शुक्रवार को वापस ले लिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि याचिका में पर्याप्त ब्योरा प्रदान नहीं किया गया था। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि वर्तमान में चल रहे सर्वे में कई खामियां हैं और कोई कानूनी तंत्र नहीं अपनाया गया है। यह सुनवाई चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष की गई थी।
याचिका में गंभीर आरोप: वर्तमान सर्वे से स्थिति होगी और बदतर!
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि वर्तमान सर्वे के चलते स्थिति और बदतर हो जाएगी, जिससे भविष्य में मुकदमों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान सर्वे में आने वाली कठिनाइयों की अनदेखी की गई है। उन्होंने 7 सितंबर, 2024 को राज्य के मुख्य सचिव और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को इस संबंध में अभ्यावेदन दिया था। इस मुद्दे पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता ने सही प्रक्रियाओं के पालन की मांग की।
याचिकाकर्ता का महत्वपूर्ण बयान: जमीन पर अधिकार के मामले लंबित
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि कई ऐसे मामले हैं, जिनमें जमीन पर अधिकार को लेकर अदालत में विवाद अभी लंबित हैं। उन्होंने अपनी याचिका में राज्य के चीफ सेक्रेटरी और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को प्रतिवादी बनाया। याचिकाकर्ता ने यह सुनिश्चित करने की मांग की कि वर्तमान सर्वे के चलते लंबित मामलों पर ध्यान दिया जाए, ताकि किसी प्रकार की नई समस्याएं उत्पन्न न हों।
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