Bihar Land Survey 2024: बिहार सरकार ने जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया है, लेकिन शुरुआत के साथ ही रैयतों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इस भूमि सर्वेक्षण ने सूबे में अफरातफरी मचा दी है, और लोगों में आक्रोश का लहर दौड़ गया है। आधी-अधूरी तैयारियों के चलते आम जनता में भारी नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि, सरकार ने इस आक्रोश को समझते हुए समय सीमा बढ़ाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक की और समय सीमा बढ़ाने की बात कही। वहीं, सर्वेक्षण के लिए नियुक्त अमीन भी असमंजस में हैं और कई लोग नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। क्या यह प्रक्रिया समय पर सुधरेगी? ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा!
आखिर भूमि सर्वे के बीच नौकरी छोड़कर क्यों भाग रहे अमीन?
बिहार में भूमि सर्वेक्षण को लेकर नियोजित कर्मियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते कई अमीन नौकरी छोड़कर भाग रहे हैं। उनके इस निर्णय की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने ऐसे अमीनों के त्यागपत्र स्वीकार कर लिए हैं। भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने 27 सितंबर को एक आदेश जारी किया, जिसमें बताया गया कि विशेष सर्वेक्षण कार्यक्रम के लिए अमीनों की नियुक्ति की गई थी।
यह भी पढे: Bihar Bhumi Survey: पैतृक संपत्ति के विभाजन के लिए कानूनी रूप से उपयुक्त शेड्यूल कैसे तैयार करें?
समस्तीपुर में कार्यरत दो अमीन, संदेश कुमार और प्रदीप कुमार, ने क्रमशः 20 अगस्त और 4 सितंबर 2024 को अपने त्यागपत्र बंदोबस्त पदाधिकारी को सौंपे। इनका त्यागपत्र स्वीकृत करने की अनुशंसा भी की गई है। इस स्थिति ने सवाल उठाए हैं कि आखिरकार इन कर्मियों को क्यों इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा? क्या यह भूमि सर्वेक्षण की चुनौतियों का नतीजा है या कुछ और?
प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई!
भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जे. प्रियदर्शनी ने 27 सितंबर को जारी एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि हाल ही में दो संविदा अमीनों द्वारा दिए गए त्यागपत्र की स्वीकृति दी गई है। लेकिन, इनकी शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। यदि विश्वविद्यालय या संस्थान से प्राप्त प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाते हैं, तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि इन अमीनों के प्रमाण पत्रों की गहन जांच की जा रही है, और यदि कोई धोखाधड़ी सामने आई, तो इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस प्रक्रिया से यह संदेश भी दिया गया है कि कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी!