Bihar Land Survey 2024: बिहार भूमि सर्वे के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर

Bihar Land Survey 2024: बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्डों को डिजिटल रूप से संरक्षित करने और भूमि विवादों को कम करने के उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा Bihar Land Survey की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, भूमि मालिक अब अपनी ज़मीन का सर्वेक्षण करवा सकते हैं और अपने भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन देख सकते हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध है।

Bihar Land Survey 2024: पटना हाईकोर्ट के वकीलों ने बिहार लैंड सर्वे पर गंभीर सवाल उठाए हैं। वकीलों ने आरोप लगाया है कि जब सरकार के पास ही जमीनों के कागजात नहीं हैं, तो आम लोगों को अपने पूर्वजों की जमीन के विवरण कैसे मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट योगेश चंद वर्मा और कृष्णा प्रसाद सिंह ने इस मुद्दे पर विरोध जताया था। अब नीतीश कुमार सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि पटना हाईकोर्ट में बिहार लैंड सर्वे के खिलाफ एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है।

बिहार भूमि सर्वे के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर

बिहार भूमि सर्वे के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सर्वे की प्रक्रिया में आम लोगों की परेशानियों का कोई ध्यान नहीं रखा गया है। राजीव रंजन सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले में राज्य के मुख्य सचिव और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को 7 सितंबर को एक ज्ञापन दिया था, लेकिन उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

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याचिका में आगे यह भी कहा गया है कि जमीन के अधिकार को लेकर पहले से ही कई मामले अदालतों में लंबित हैं। ऐसे में बिना तैयारी के जल्दबाजी में किया गया यह सर्वे लोगों के लिए मुसीबत का कारण बन सकता है।

इस त्रुटिपूर्ण भूमि सर्वे से बिहार की स्थिति खराब होगी- याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता राजीव रंजन सिंह ने पटना हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा है कि इस त्रुटिपूर्ण सर्वे से बिहार की स्थिति खराब होगी। उन्होंने एक स्थानीय अखबार को बताया कि सर्वे कराने के लिए किसी प्रकार का कानूनी सिस्टम अपनाया नहीं गया है। जिस तरह से सर्वे किया जा रहा है, उससे लोगों के बीच झगड़े और परेशानी की आशंका है, और यह भविष्य में मुकदमेबाजी को बढ़ा सकता है। इससे अदालतों में जमीन से जुड़े मामलों का बोझ भी बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सर्वेक्षण में आम जनता को होने वाली परेशानियों की अनदेखी की गई है।

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