Bihar Land Survey 2024: मौखिक रूप से हुआ जमीन का बंटवारा, क्या सर्वे मे मान्य होगा?

Bihar Land Survey 2024: बिहार सरकार ने भूमि रिकॉर्डों को डिजिटल रूप से संरक्षित करने और भूमि विवादों को कम करने के उद्देश्य से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा Bihar Land Survey की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, भूमि मालिक अब अपनी ज़मीन का सर्वेक्षण करवा सकते हैं और अपने भूमि रिकॉर्ड को ऑनलाइन देख सकते हैं। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध है।

बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी है, लेकिन इसके साथ ही लोगों के मन में कई सवाल भी उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल पुश्तैनी संपत्ति को लेकर है। लोग जानना चाहते हैं कि यदि मौखिक बंटवारा हुआ है, तो ऐसे में सर्वे कैसे किया जाएगा। इसका जवाब सरल है: मौखिक बंटवारा मान्य नहीं होगा। सर्वे के लिए कागजी दस्तावेज पेश करने होंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते जमीन विवादों को कम करने के लिए सरकार ने भूमि सर्वेक्षण (Bihar Land Survey 2024) अभियान शुरू किया है। इस पहल से असली भूमि हकदारों का पता लगाया जा सकेगा। भूमि की बढ़ती कीमतों के चलते, ग्रामीण इलाकों में लगभग 90 प्रतिशत विवादों की जड़ यही है। कई लोग इस धंधे में शामिल होकर करोड़ों का मुनाफा कमा रहे हैं।

इसी अनुपात में, कभी-कभी छोटे-मोटे विवाद भी बड़े दंगों का रूप ले लेते हैं, जिसका सीधा असर कानून व्यवस्था पर पड़ता है। यही वजह है कि इस सर्वेक्षण के जरिए सरकार असली जमीन मालिकों को उनका हक दिलाना चाहती है।

सरकार का मकसद है कि जमीन को लेकर लोगों के बीच झगड़े खत्म हों। इसके साथ ही, गांवों की जमीन का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास रहेगा, जिससे भविष्य में जमीन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।

पुश्तैनी जमीन वाले क्या करें?

सर्वे के दौरान जमीन के मालिकों को अपने कागजात दिखाने होंगे, लेकिन कई लोगों के पास पुश्तैनी जमीन है, जिसका बंटवारा सिर्फ मौखिक रूप से हुआ है। ऐसे में उनके पास कोई कागज नहीं है, जिससे सर्वे के दौरान दिक्कत हो सकती है। इन लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मौखिक बंटवारे को लिखित रूप में दर्ज करवाने की कोशिश करें। इसके अलावा, अगर संभव हो, तो स्थानीय प्रशासन या पंचायत से मदद लेकर जरूरी दस्तावेज तैयार कराएं। इससे उनकी स्थिति मजबूत होगी और सर्वे में समस्याओं का सामना कम करना पड़ेगा।

मौखिक बंटवारे से नहीं चलेगा काम, दिखाने होंगे दस्तावेज

सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के लिए है, जिनके पास पुश्तैनी जमीन का बंटवारा मौखिक तौर पर हुआ है। सर्वे के लिए केवल बातें मान्य नहीं होंगी; इसके लिए सभी भाइयों और बहनों के हस्ताक्षर वाला एक दस्तावेज पेश करना होगा। यदि किसी भाई की मृत्यु हो चुकी है, तो उसके सभी बच्चों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य हैं। यह सुनिश्चित करेगा कि बंटवारे का रिकार्ड स्पष्ट और मान्य हो।

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सर्वे करने वाले अधिकारी केवल कागजों को ही मानेंगे। यदि बंटवारा मौखिक रूप से हुआ है, तो वे उसे स्वीकार नहीं करेंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति के पिता का निधन हो गया है और उनके तीन बेटे हैं, जिन्होंने जमीन का बंटवारा केवल मौखिक तौर पर किया है, तो सर्वे अधिकारी उस बंटवारे को नहीं मानेंगे और जमीन को सभी भाइयों के नाम पर कर देंगे। इसलिए, यह बेहद जरूरी है कि जमीन के बंटवारे का एक लिखित दस्तावेज तैयार किया जाए।

अगर लिखित दस्तावेज नहीं होगा, तो जमीन सभी भाइयों के नाम हो जाएगी। इस स्थिति में यह नहीं देखा जाएगा कि मौखिक बंटवारे के बाद किसी भाई ने जमीन बेची है या नहीं। जितनी जमीन पिता के नाम होगी, उतनी ही जमीन पर तीनों भाइयों का नाम डाल दिया जाएगा। इसलिए, लिखित दस्तावेज बनाना बेहद आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी तरह की समस्याओं से बचा जा सके।

यदि मौखिक रूप से जमीन का बंटवारा हुआ है और इसके बाद पिता का निधन हो गया है, तो सर्वे के दौरान आपको मुश्किलें आ सकती हैं। क्योंकि सर्वे अधिकारी केवल कागजी दस्तावेजों को मान्यता देंगे।

इस स्थिति में, आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  1. लिखित दस्तावेज बनाएं: सभी भाइयों और बहनों के हस्ताक्षर के साथ जमीन के बंटवारे का एक लिखित दस्तावेज तैयार करें।
  2. मृतक भाई के बच्चों के हस्ताक्षर: यदि किसी भाई की मृत्यु हो गई है, तो उसके सभी बच्चों के हस्ताक्षर भी इस दस्तावेज में शामिल करें।
  3. स्थानीय प्रशासन से सहायता: स्थानीय प्रशासन या पंचायत से मदद लें ताकि आप सही प्रक्रिया का पालन कर सकें।
  4. दस्तावेजों की सत्यता: सुनिश्चित करें कि सभी दस्तावेज सही और अद्यतन हों, ताकि सर्वे के दौरान कोई समस्या न आए।

इन कदमों से आप अपनी स्थिति को मजबूत कर सकते हैं और सर्वे प्रक्रिया को सुगम बना सकते हैं।

जमीन के सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं

बिहार के लोग अब जमीन सर्वे के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिससे दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों को भी सुविधा मिलेगी। आवेदन करने के लिए भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग की वेबसाइट पर जाना होगा। आवेदन के साथ आवश्यक कागजात भी वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे, जिससे प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।

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