परिवारिक प्रमाण पत्र (Family Certificate) क्या है?और इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया क्या है?

परिवारिक प्रमाण पत्र (Family Certificate) एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है जो यह प्रमाणित करता है कि आप किसी विशेष परिवार के सदस्य हैं और उसमें आपके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी होते हैं। यह प्रमाणपत्र विशेष रूप से उत्तराधिकार, संपत्ति विवाद, पेंशन प्राप्त करने और सरकारी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए उपयोग किया जाता है।

परिवारिक प्रमाण पत्र की आवश्यकता कब होती है?

-उत्तराधिकार प्रमाणपत्र के लिए
-संपत्ति के नामांतरण (Mutation) के लिए
-सरकारी योजनाओं और लाभों के लिए आवेदन करने के समय
-बीमा, पेंशन, और बैंक में खाते से संबंधित कार्यों के लिए

परिवारिक प्रमाण पत्र में जानकारी होती है ?

  1. परिवार के मुखिया का नाम
  2. परिवार के सभी सदस्यों के नाम और उनके संबंध (जैसे पति/पत्नी, पुत्र/पुत्री, आदि)
  3. परिवार के सभी सदस्यों की उम्र और लिंग
  4. परिवार के निवास स्थान की जानकारी।

यह भी पढे: Bihar Land Survey 2024: बिहार में अब नहीं होगा भूमि सर्वे, नीतीश का बड़ा ऐलान ?

परिवारिक प्रमाण पत्र कैसे प्राप्त करें?

आप इसे स्थानीय तहसील कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय या प्रखंड विकास अधिकारी (BDO) के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

  1. पता प्रमाण पत्र (जैसे राशन कार्ड, वोटर ID, आदि)
  2. आधार कार्ड या अन्य पहचान प्रमाण
  3. मृत्यु प्रमाणपत्र (यदि परिवार का कोई सदस्य मृत हो चुका है)
  4. एक शपथ पत्र (Affidavit) कि आप परिवार के कानूनी सदस्य हैं

परिवारिक प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया:

  1. स्थानीय तहसील या ब्लॉक कार्यालय में जाकर आवेदन पत्र प्राप्त करें।
  2. आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ आवेदन पत्र जमा करे।
  3. आपके द्वारा दी गई जानकारी की जांच की जाएगी और कुछ समय बाद आपको परिवारिक प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।

परिवारिक प्रमाणपत्र की समय सीमा:


इस प्रमाणपत्र को जारी होने में आमतौर पर 15-30 दिन का समय लग सकता है, जो अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न हो सकता है।

परिवारिक प्रमाणपत्र उत्तराधिकार के मामलों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह साबित करता है कि आप परिवार के कानूनी उत्तराधिकारी हैं।

Leave a Comment